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जींदगी (एक पहलु यह भी)

मेरे विचार
मेरे विचार
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खिलते हैं जब गुलशन में फूल,
तो खुसबू दूर तलक जाती है,
इसी लिए तो मंडराते हुए,
भंवरे और तितलियाँ चली आती हैं,
देख जिन्हें फूल हर्षाती है,
बंद कली खिल जाती है,
खुशियों के वो दिन होते हैं,
जीवन के वो पल होते हैं,
फिर एक दिन वो भी आता है,
रसास्वादन करके,
जब ये दोनों चली जाती हैं,
गम में डूबा हुआ वो पल होता है,
गुलशन गुलशन नहीं रहता,
मुरझाये हुए फूलों का कब्र होता है,
एक नव जीवन की तलाश में,
पुराने जीवन का अंत होता है,
मुरझाते हुए फूल बस इतना कह जाती है,
खिलते हैं जब गुलशन में फूल,
तो खुसबू दूर तलक जाती है ।

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